जानकीनगर में बिना लाइसेंस के दवाई बेचते हैं दुकानदार, दुकान में नहीं रखते हैं दवाई : Jankinagar mein Bina licence Ke dawai bechate Hain dukandar

जानकीनगर में बिना लाइसेंस के दवाई बेचते हैं दुकानदार,दुकान में नहीं रखते हैं दवाई

मक्का फसल का जांच पड़ताल करते अधिकारी

पूर्णिया: जिले के जानकीनगर के चोपड़ा बाजार में खाद बीज विक्रेता दुकानदार दवाई बेचने का लाइसेंस नहीं रखने के बावजूद भी दवाई बेचने का मामला प्रकाश में आया है। जानकीनगर के जिस किसान का दो बीघा मक्का दवाई छिड़काव करने के बाद बर्बाद हुआ था उस किसान के अनुसार और अधिकारी के द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद पता चला कि दुकानदार के द्वारा बगैर लाइसेंस का ही दवाई बेचा जाता है और किसान का फसल बर्बाद हो जाता है। जिसको देखने वाला कोई भी नहीं है। हालांकि किसान के आरोप के अनुसार जिस दुकान से दवाई का खरीद किया गया था वहां जब अधिकारी के द्वारा जांच पड़ताल बीते दिन किया गया तो उस दुकानदार के पास दवाई बेचने का लाइसेंस नहीं पाया गया। उस दुकानदार के पास से लाइसेंस नहीं पाया गया तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि अधिकारी के द्वारा उस दुकान से दवाई भी बराबर नहीं किया गया। यदि दवाई बरामद किया जाता तभी तो अधिकारी के द्वारा ऐसा माना जाता कि उक्त दुकानदार के द्वारा बगैर लाइसेंस का दवाई बेचा जाता है लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं।

मक्का फसल बर्बाद होने को लेकर क्या है पूरा मामला

नगर पंचायत जानकीनगर के खूंट गांव स्थित किसान राजेश यादव के खेत में लगा मकई में चोपड़ा बाजार के एक दुकान से जहर दवाई लाकर छिड़काव करने के बाद 2 बीघा मकई जलकर बर्बाद हो गया था। इस मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी पूर्णिया सुधीर कुमार के आदेशानुसार बिते शनिवार को पौधा संरक्षण पदाधिकारी पूर्णिया जयकिशन कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी बनमनखी गीतांजलि सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी बनमनखी मनोज कुमार मिश्र, नोडल कृषि समन्वयक सचिन कुमार, कृषि सलाहकार जयकुमार यादव एवं धीरेंद्र कुमार शर्मा ने शनिवार की दोपहर नगर पंचायत जानकीनगर के खूंट गांव निवासी किसान राजेश यादव के खेत में लगा 2 बीघा मक्का दवाई छिड़काव करने के बाद बर्बाद होने की मामले का जांच पड़ताल करने पहुंचे। वही प्रखंड कृषि पदाधिकारी बनमनखी मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि किसान राजेश यादव की खेत की जांच किया गया है। पहले मक्का फसल किस स्थिति में था और दवाई छिड़काव करने के बाद किया हुआ। इसका जांच पड़ताल किया गया। उसके बाद चोपड़ा बाजार के खाद बीज बिक्रेता की दुकान की जांच किया गया है‌। दुकानदार के पास दवाई बेचने का लाईसेंस नहीं पाया गया। हालांकि उस दुकान पर दवाई भी नहीं पाया गया था।

अब सोचने वाली बात यह है किसान के अनुसार जिस दुकान से दवाई लाकर अपनी फसल पर छिड़काव किया गया था और बाद में मक्का फसल बर्बाद हो गया। उसको देखने वाला कोई नहीं है। कई बार कितने अधिकारी के द्वारा उस सूखा हुआ मकई का जांच पड़ताल किया और इस मामले को लेकर चोपड़ा बाजार के दुकान का भी जांच पड़ताल किया गया। अधिकारियों ने बताया था कि जांच पड़ताल के दौरान पता चला की दवाई बेचने वाला विक्रेता दुकानदार के पास लाइसेंस नहीं है और ऐसा भी देखा गया कि वह विक्रेता के पास दुकान में दवाई भी नहीं था।

वही किसान के अनुसार जानकीनगर के जिस दुकान से अपने मक्का फसल पर छिड़काव करने के लिए दवाई ले गया था वहां पर अधिकारी के द्वारा जांच पड़ताल में ना तो दवाई बरामद हुआ ना हीं दुकानदार के पास दवाई का लाइसेंस। अब देखना यह है कि अधिकारी के द्वारा चोपड़ा बाजार के उक्त दुकानदार पर क्या कार्रवाई होती है। ना उस दुकानदार के पास दवाई बेचने का लाइसेंस है ना ही दुकानदार अपने दुकान में दवाई रख कर भेजते हैं। अधिकारी के जांच पड़ताल के बाद उक्त पीड़ित किसान का भी नजर बना हुआ है कि इस दुकानदार पर अब क्या कार्रवाई होती है।

दवाई खरीदने पर पक्की बिल अवश्य ले किसान

आपको बता दें कि पूर्णिया जिला के जानकीनगर के चोपड़ा बाजार में कई खाद बीज विक्रेता दुकानदार के पास आप फसल में छिड़काव करने वाले दवाई खरीदने के लिए जब जाते हैं तो वह दुकानदार को आप देखिएगा कि अपने काउंटर पर दवाई नहीं रखता है वह आपसे पैसा लेकर अंदर से दवाई मंगा कर देगा। अब अनुभव लगा सकते हैं जो दुकानदार अपना दवाई दुकान पर नहीं रखता है अंदर से लाकर दवाई देता है तो क्या उसके पास लाइसेंस है या नहीं है। यदि आप बगैर लाइसेंस धारी दुकानदार से दवाई खरीद कर अपने फसल पर छिड़काव करते हैं आपका फसल बर्बाद हो रहा है तो उसका जिम्मेदार कौन है। यह सोचने वाली बात है तो किसान सोच समझकर ही लाइसेंस धारी दुकानदार के पास जाकर मकई या कोई भी फसल पर छिड़काव करने के लिए दवाई का खरीद करें और उस दुकानदार से अपना उस दवाई का पक्की बिल जरूर लें। जिससे कि किसी भी तरह से दवाई छिड़काव करने पर फसल क्षती होने पर आप अपना लिया हुआ दवाई का पक्की बिल दिखा सके कि हम इस दुकान से दवाई लिए थे। ना कि आप यत्र तत्र जगह से दवाई खरीद ले बाद में आपका फसल को यदि क्षति पहुंच जाता है तो अधिकारियों के द्वारा भी जांच पड़ताल में पता चले कि वह दुकानदार के द्वारा दवाई दिया गया है। यह भी पता चल सके की दुकानदार के पास लाइसेंस है या नहीं।
वही आजकल बाजार में ऐसा ही देखा जा रहा है कि बगैर लाइसेंस धारी दुकानदार जब दवाई बेच रहा है किसान धरले से दवाई ले रहा है बाद में यदि उसका फसल को नुकसान पहुंचता है तो उसको देखने वाला कोई नहीं है। जानकीनगर के एक किसान का भी दो बीघा मक्का दवाई छिड़काव करने के बाद बर्बाद हो गया। किसान माथा पीट रहे हैं नीचे से ऊपर तक अधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच पड़ताल के गुहार लगाया। इसके बाद अधिकारी के द्वारा जाकर मक्का फसल की जांच पड़ताल भी किया गया। अब देखने वाली बात है की किसान को क्या मुआवजा मिलता है और उक्त दुकानदार पर क्या कार्रवाई होती है।

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