Jankinagar mein nashili padarth se Yuva ho rahe hain barbad: जानकीनगर में नशीली पदार्थ से युवा हो रहे हैं बर्बाद

Jankinagar mein nashili padarth se Yuva ho rahe hain barbad: जानकीनगर में नशीली पदार्थ से युवा हो रहे हैं बर्बाद

Jankinagar mein nashili padarth se Yuva ho rahe hain barbad

पूर्णिया: बिहार में कई वर्षों से शराब बंदी है, शराब बंदी के बाद से बिहार में कई तरह के नशीली पदार्थ उत्पन्न हो गई है। लगातार देखा जा रहा है कि क्षेत्र का युवा शराबबंदी के बाद से स्मैक, कोरेक्स जैसे नशीली पदार्थ का उपयोग कर बर्बाद हो रहे हैं और नशीली पदार्थ जैसे स्मैक कोरेक्स का युवा को ऐसा लत लग जाता है कि युवा इसे बाद में छोड़ना मुश्किल हो गया है। नशीली पदार्थ जब युवा को छुड़ाने की कोशिश किया जाता है तो युवा पागल की तरह नशीली पदार्थ को खोजने रहता है और उसका उपयोग करता है। जानकीनगर क्षेत्र के युवा नशीली पदार्थ का उपयोग करने में इतना आगे निकल गया है कि कितना युवा इसके चक्कर में बर्बाद हो गए और प्रशासन के द्वारा कितनी युवा को नशीली पदार्थ के उपयोग करने व बेचने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुके हैं। इन सभी मामलों को देखा जाए तो ऐसा लग रहा है कि बिहार में जब से शराबबंदी हुई है उसके बाद से अनेकों प्रकार के नशीली पदार्थ उत्पन्न हो गई। खास करके पूर्णिया जिले के जानकीनगर क्षेत्र का युवा नशीली पदार्थ का उपयोग करने में काफी आगे निकला हुआ है। कई युवा संगठन भी इसे मान रहे हैं की नशीली पदार्थ का उपयोग कर हमारे क्षेत्र के युवा किशोर बर्बाद हो रहे हैं। कई बार यहां के संगठन के कई युवा ने प्रशासन से भी इस मामले में अभियान चलाने की अपील किया और कहा कि हम लोगों को आपका सहयोग मिलेगा और अभियान चलाकर नासा के लत लगा युवा को नशा से दूर कर शिक्षा में जोड़ना है। जानकीनगर क्षेत्र का कई युवा तो बिहार क्या बंगाल से नशीली पदार्थ लाकर यहां बेचते हैं इस मामले में प्रशासन के द्वारा कई युवा को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भी भेजी गई है। यहां तक की जानकीनगर थाने का एक दरोगा पर भी कुछ दिन पूर्व में ही एक स्मैक तस्कर को छोड़ने का आरोप लगा था आरोप लगने के बाद में उस दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया तो इस तरह से एक तरह से देखा जा रहा है कि जानकीनगर क्षेत्र में नशीली पदार्थ का उपयोग धरले से युवा पीढ़ी कर रहे हैं। जिस गांव के युवा पीढ़ी नशीली पदार्थ का उपयोग धरले से कर रहे हैं उस गांव के जनप्रतिनिधि भी इस और ध्यान नहीं देते हैं। यदि जीस गांव के युवा पीढ़ी नशीले पदार्थ का उपयोग कर रहे हैं या नशीली पदार्थ बेचते हैं और एक दूसरे को लाकर देते हैं। इसको यदि जनप्रतिनिधि के द्वारा करवाई किया जाता और प्रशासन को इसकी सूचना दिया जाता तो शायद कुछ ना कुछ यह मामला कम होता, लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि जानकीनगर क्षेत्र के किसी भी पंचायत के जनप्रतिनिधि इस मामले को उजागर करने में अपना दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं ना तो इस और ध्यान दे रहे हैं। हालांकि जनप्रतिनिधि को यह बात जरूर ध्यान में रहता है कि मेरे क्षेत्र के युवा पीढ़ी कौन नशा का उपयोग करते हैं और कौन नशीली पदार्थ को बेचते हैं और कौन-कौन युवा पीढ़ी इसके लत के शिकार हो रहे हैं। इस तरह का जानकारी भली-भांति ही पंचायत के जनप्रतिनिधि को भी रहता है उसके बावजूद भी जनप्रतिनिधि के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। ना हीं जनप्रतिनिधि के द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है कि इस तरह का नशीली पदार्थ का उपयोग नहीं करना चाहिए। यदि इस तरह का अभियान जनप्रतिनिधि के द्वारा भी चलाया जाए की नशीली पदार्थ का उपयोग करने से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रहे हैं तो ऐसा जरूर होता कि गांव का कुछ युवा को इसका इफेक्ट पड़ता और लोगों में भी इस बात की जागरूकता फैलती की मेरा बच्चा, मेरे घर का युवा पीढ़ी नशीली पदार्थ के चक्कर में बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन ऐसा किसी भी तरह से जनप्रतिनिधि को कहीं भी चर्चा करते नहीं देखा जाता है। जनप्रतिनिधि में एक तरह से नशीली पदार्थ का उपयोग करने वाले युवा पीढ़ी के चक्कर में नहीं आना चाहते हैं। कई जनप्रतिनिधि तो ऐसे सोचते हैं जो नशा का उपयोग करता है वह कुछ भी कर सकता है हम लोग काहे को उसके बीच में पड़ेंगे। क्यों उससे हम लोग लफड़ा लेंगे। इस कारण भी इस बीच में जनप्रतिनिधि नहीं परना चाहते हैं। प्रशासन के द्वारा तो इस मामले को लेकर छापेमारी किया जाता है और गिरफ्तार भी की जाती है। लेकिन कब तक गांव में प्रशासन छापेमारी करती है तो पता चलता है एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया तो फिर दूसरा युवा उसे धंधे में संलिप्त है इस तरह से जानकीनगर क्षेत्र में नशीली पदार्थ बेचने का धंधा फल फूल रहा है। और युवा पीढ़ी बर्बाद हो रहे हैं।

सनफीस से भी युवा और बच्चे हो रहे हैं बर्बाद

 

जब से बिहार में शराब बंदी हुई है तो इस तरह से देखा जा रहा है कि क्षेत्र में कई तरह की नशीली पदार्थ का उपयोग युवा बच्चे किशोर कर रहे हैं। जानकीनगर क्षेत्र के छोटे-छोटे गांव में भी देखा जा रहा है कि पन्नित में एक नशीली पदार्थ आता है गांव में बच्चे सनफीस कहते हैं। यह नशीली पदार्थ गांव में चोरी छिपे दुकान में बिकता है और गांव के छोटे-छोटे बच्चे इसके लत से बर्बाद हो रहे हैं। इसको देखने वाला कोई नहीं है जिस तरह से गांव के बच्चे इस नशीली पदार्थ का उपयोग कर बर्बाद हो रहे हैं तो ऐसे में देखने से एक अंदाजा लगाया जा रहा है की नशीली पदार्थ का उपयोग इतना छोटा-छोटा बच्चा कर रहा है तो भविष्य में यह नशीली पदार्थ का उपयोग करना भैयावह स्थिति बन जाएगा और बाद में इसे रोकना भी मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि जो गांव के छोटे-छोटे बच्चे इस नशीली पदार्थ का उपयोग करते हैं वह बच्चा यदि बड़ा हो जाएगा तो वह नशा का प्रयोग और ज्यादा करने लगेगा और नशा के प्रयोग करने के बाद वह कुछ भी कर सकता है झगड़ा झंडा गाली गलौज। क्योंकि नशा करने के बाद अक्सर युवा में देखा जा रहा है कि वह अपने मत में नहीं रहता और गाली गलौज करते हैं जिसके कारण गांव के छोटे-छोटे बच्चे गांव में तो ऐसा भी देखा गया कि जो बच्चा का उम्र 10 वर्ष से कम भी हो रहा है वह भी बच्चा सनफीस नाम का जो नशीला पदार्थ है उसे सेवन कर वह बर्बाद हो रहा है। जिस बच्चा को पढ़ने की समय पढ़ाई शुरुआत करना चाहिए वह बच्चा नशे की लत में बर्बाद हो रहा है। जिसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। घर के गार्जियन उसे पर ध्यान देते हैं कहते हैं उसके बावजूद भी बच्चे लोग कहीं से चोरी छिपे नशीली पदार्थ लाकर पीते रहता है यहां भी गांव के जागरुक व्यक्ति व प्रतिनिधि के द्वारा भी लोगों में एक जागरूकता फैलाने की जरूरत और जनप्रतिनिधि के द्वारा भी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे व गांव के लोगों के बीच एक मुहिम चलाकर अभियान चलाना चाहिए कि आप लोग अपने-अपने छोटे-छोटे बच्चे पर ध्यान दें कि आपका बच्चा क्या कर रहा है आपका बच्चा का दिनचर्या क्या है दिन भर में आपके बच्चे क्या करते हैं बच्चे पर यदि गार्जियन उनका ध्यान रखेंगे तो जरूर है कि बच्चे नशीली पदार्थ से दूर रहेंगे और इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे।

जानकीनगर पुलिस ने तीन स्मैक तस्कर को भेजा जेल

 

कुछ दिन पूर्व एक स्मैक तस्कर को पकड़ कर छोड़ने के आरोप में जानकीनगर थाना के जो दरोगा हुई थी सस्पेंड। उस तस्कर को भी पूर्णिया पुलिस की मदद से जानकीनगर पुलिस के द्वारा मंगलवार को पूर्णिया के मधुबनी से गिरफ्तार किया गया। उस मामले में भी गिरफ्तार तस्कर के साथ कई जगह पुलिस ने छापेमारी किया और उक्त तस्कर से भी काफी पूछताछ किया। उसके बाद मंगलवार को ही स्मैक के साथ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है पूछताछ के बाद वह युवक ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल से यहां आकर स्मैक डिलीवरी का काम करता है और उसके निशानदेही पर एक और युवक को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को मुकेश कुमार के साथ-साथ इन दोनों युवक को भी जेल भेज दिया गया है।

पूर्णिया जिले के जानकीनगर पुलिस ने पश्चिम बंगाल के स्मैक तस्कर के साथ पूर्णिया जिला के दो अन्य स्मैक तस्कर तस्कर को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया है। जानकीनगर पुलिस ने पूर्व से स्मैक तस्करी में मामला दर्ज फरार थाना क्षेत्र के रामपुर तिलक पंचायत के वार्ड नंबर11 निवासी मुकेश यादव को पूर्णिया के मधुबनी से मंगलवार को गिरफ्तार किया। आपको बता दे की जानकीनगर के तत्कालीन थाना अध्यक्ष महेश यादव पर भी इसी मुकेश कुमार यादव को स्मैक तस्करी मामले में गिरफ्तार कर छोड़ने का आरोप लगा था उस समय से ही मुकेश यादव फरार चल रहा था। जिसे जानकीनगर पुलिस के द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर पश्चिम बंगाल से आए एक व्यक्ति को थाना क्षेत्र के लादूगढ पंचायत से स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया है और उसके निशान देही पर एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। बुधवार को जानकीनगर थाना कक्ष में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुलास कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जानकीनगर थाना अध्यक्ष ओमप्रकाश को मंगलवार को गुप्त सूचना मिली थी कि पश्चिम बंगाल की एक व्यक्ति किसी को स्मैक डिलीवरी करने के लिए लादूगढ़ जगह टोला पहुंचा है। इस संबंध में जब पुलिस पदाधिकारी को जांच पड़ताल करने के लिए लादूगढ़ जगह टोला के पास पहुंचे तो वार्ड नंबर 15 जगह टोला में पक्की सड़क पर एक लड़का इधर-उधर घूम कर किसी का इंतजार कर रहा था पुलिस गाड़ी को देखते ही वह लड़का भागने का कोशिश करने लगा। जिसके बाद पुलिस बल के द्वारा लड़का को खदैर कर पकड़ लिया गया। लड़का से जब पूछताछ कर उसका तलाशी लिया गया तो उसके पास से 15 ग्राम स्मैक बरामद हुआ और उस लड़का का जब नाम पता पूछा गया तो वह लड़का अपना पता पश्चिम बंगाल के मालदा जिला के वास्तोनगर थाना क्षेत्र के जाईनपुर गांव का सुबोध रविदास का पुत्र सुशांत रविदास के रूप में पहचान बताया। इसके बाद उस लड़का से पूछताछ के क्रम में उन्होंने बताया कि मैं बराबर बंगाल से स्मैक लेकर होम डिलीवरी देने के लिए आते हैं। साथ ही पकड़े युवक सुशांत रविदास ने बताया कि यहां सोमवार को ही हम आए थे मेरे द्वारा रामपुर तिलक के मुकेश कुमार यादव और प्रियांशु कुमार उर्फ गुड्डू जायसवाल और पूर्णिया जिले के रघुवंश नगर ओपी क्षेत्र के ओरलाहा गांव वार्ड नंबर 10 निवासी शिशिर कुमार और बी कोठी के भंगहातुला गांव निवासी भजन यादव के साथ-साथ अन्य दो व्यक्ति को भी कल ही डिलीवरी दिए हैं। जिसका नाम पता मालूम नहीं है। आगे पूछताछ के क्रम में उन्होंने बताया कि शिशिर कुमार अभी-अभी इधर निकला है जिसके निशानदेही पर कुछ दूर जाने के पश्चात एक व्यक्ति लादूगढ हटिया टोला के पास से पकड़ाया। पकड़ाए व्यक्ति का नाम शिशिर कुमार पिता संजय कुमार ओरलाहा थाना बी कोठी पूर्णिया बताया। दोनों अभियुक्त को पुलिस गिरफ्तार कर जानकीनगर थाना लाया गया। इसके साथ-साथ थाना क्षेत्र के रामपुर तिलक गांव निवासी मुकेश कुमार यादव को भी गिरफ्तार कर थाना लाया गया। मुकेश कुमार पर पूर्व से ही स्मैक तस्करी का मामला दर्ज है इस मामले में वह फरार था। साथ ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि इन लोगों के द्वारा पिछले वर्ष मार्च अप्रैल से काम किया जा रहा है अभी तक में लगभग इन लोगों के द्वारा डेढ़ करोड़ से लगभग 2 करोड़ तक का कारोबार किया गया है गिरफ्तार तीनों को बुधवार को जेल भेज दिया गया.

शराब के लत से भी जानकीनगर क्षेत्र के युवा पीढ़ी व लोग हो रहे हैं बर्बाद

 

शराबबंदी रहने के बावजूद भी कई जगह लगातार पुलिस के द्वारा छापेमारी करने के बाद कहीं पर अंग्रेजी शराब के साथ लोगों को धर लिया जाता है तो कहीं पर शराब के नशे में लोगों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया जाता है। आखिरकार जब बिहार में शराब बंदी है तो फिर शराब कहां से आती है यह सोचने वाली बात है यह कैसा शराब बंदी है कि प्रत्येक गांव में शराबी अपना शराब का धंधा चला रहे हैं। या तो लोग शराब पीते हैं या शराब बेचते हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस के द्वारा शराबियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, हर जगह पुलिस के द्वारा शराबियों को गिरफ्तार किया जाता है। कई जगह तो पुलिस के द्वारा शराब के साथ ही कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। लेकिन सिस्टम में कहां पर गड़बड़ी है की शराब कारोबारी अपना धंधा लुका छुपी कर चला रहा है और गांव के लोग शराब पी रहे हैं। देसी शराब हो या विदेशी शराब लेकिन लोग शराब पी रहे हैं तभी तो पुलिस शराबियों को गिरफ्तार करते हैं। आखिरकार जब बिहार में शराब बंदी है तो पूर्ण रूप से यह शराब बंदी सफल कब तक होगी। क्या प्रशासन शराबबंदी को सफल बनाने में असफल साबित हो रही है या लोगों के द्वारा इसमें सहयोग नहीं किया जा रहा है। इन तमाम बातों पर विचार करने की जरूरत है। हाल फिलहाल में पूर्णिया जिले के जानकीनगर पुलिस द्वारा चोपड़ा बाजार से पिता पुत्र को ही विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिसमें की पुत्र को चोपड़ा बाजार से विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया तो वही उनके पिता को अगले दिन उनके घर से शराब के साथ गिरफ्तार करने में पुलिस कामयाबी हासिल किया था। पुलिस लगातार क्षेत्र में छापेमारी कर रही है और विदेशी शराब के साथ-साथ देसी शराब भी बरामद किया जाता है लेकिन पूर्ण रूप से शराबबंदी हो क्यों नहीं रहा है यह सोचने वाली बात है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी है शराब पीकर हो हंगामा करना गाली गलोज करना एक अपराध है। उसके बावजूद भी देखा जा रहा है कि गांव में लोग शराब पीकर हो हंगामा करते हैं गाली गलौज करते हैं। बिते शनिवार को भी जानकीनगर पुलिस के द्वारा सोनापुर गांव से एक युवक को नशे में गिरफ्तार किया गया और उसे अनुमंडल अस्पताल बनमनखी ले जाकर जब डॉक्टर के द्वारा जांच करवाया गया तो पता चला कि यह व्यक्ति भी शराब पिया हुआ था जिसे रविवार को पुलिस ने जेल भेज दिया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top