Purnia: अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के दिन दंपत्ति 9 वर्ष बाद हुए एक

Purnia: अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के दिन दंपत्ति 9 वर्ष बाद हुए एक

Purnia

एक विवाह ऐसा भी, शादी, मतभेद और फिर समाज के सामने दंपति ने पहनाया माला

सोहन कुमार@बनमनखी/पूर्णिया

Banmankhi purnia: बिहार के पूर्णिया से एक ऐसा खबर सामने आई है कि जहां 9 वर्षों से एक दंपत्ति शादी के बाद अलग-थलग पड़े हुए थे। अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मौके पर दोनों दंपत्ति एक हुए। वही शादी के 9 वर्षों के बाद दोनों दंपत्ति के एक होने के बाद यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान दोनों दंपत्ति एक हुए यह भगवान श्री राम के कृपा ही मानीए, क्योंकि यह दोनों दंपत्ति बीते 9 वर्षों से शादी के बाद से छोटी मोटी बात पर विवाद को लेकर अलग-थलग पड़े हुए थे। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन दंपत्ति एक होकर खुशी-खुशी जीने की बात लोगों के बीच जब स्वीकार किया तो लोगों ने बधाई व शुभकामनाएं के साथ-साथ आशीर्वाद भी दिया।

बिहार के पूर्णिया और कटिहार जिले से जुड़ा है पूरा मामला। आईए विस्तार से जानते हैं क्या है पुरा मामला

अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन एक दंपत्ति आपसी विवाद के कारण 9 साल से अलग-थलग रह रहे सुलह से एक हो गया। पति-पत्‍‌नी को पंचायत के तहत दो समाज के पंचों ने एक सहमति के तहत बान्ड पेपर पर लिखा पढ़ी के साथ दोनों को सुलह करा दिया। इसके बाद दंपत्ति आपस में माला पहनाकर अपनी जिंदगी की फिर से नई शुरूआत किया‌। दोनों ने एक-दूसरे को हंसी-खुशी माला पहनाई। उक्त मामला बिहार के पूर्णिया जिला अंतर्गत बनमनखी थाना क्षेत्र का बताया जाता है। इस संबंध में गौरव डोकानियां ने बताया कि बनमनखी बस स्टैंड निवासी मदनलाल शर्मा की पुत्री सुमन कुमारी का विवाह 6 दिसंबर 2013 को हिंदू रीति रिवाज के साथ समाज की उपस्थिति में धूमधाम से बड़ा बाजार नया टोला, कटिहार निवासी पवन कुमार शर्मा पिता स्वर्गीय बनवारी लाल शर्मा के साथ हुआ था। दंपत्ति का वैवाहिक जीवन आनंद दायक गुजर रहा था। 21 सितंबर 2014 को दोनों दंपत्तियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। छोटी-छोटी बातों से उत्पन्न गलत फहमियों के कारण दोनों पक्षों में आपसी विवाद होने लगा। जिसे दोनों पक्षों के परिजनों एवं समाज के लोगों द्वारा समझा बुझाकर शांत किया जाता रहा। सुमन कुमारी अपनी सासू मां से वैचारिक मतभेद के कारण अपने पुत्र को साथ लेकर 2015 में अपने पिता के घर बनमनखी में आकर रहने लगी। पंचों ने दोनों पक्ष को पूर्व की सभी बातों को पूर्ण रूपेण त्याग कर नई तरह से वैवाहिक जीवन को तालमेल व सुझबुझ के साथ जीने को कहा गया। दोनों पक्ष पूर्व के किसी भी बात या विषय पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष एक दूसरे पर कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाएंगे तथा ना ही परिवार का या बाहरी लोग के बीच कोई चर्चा करेंगे। दोनों पक्ष आपसी सामंजस के साथ एक आदर्श पति-पत्नी बनकर रहने को कहा गया। ‌दोनों पक्ष अपने पुत्र का पूरा ध्यान रखते हुए उसका लालन पालन करेंगे। दोनों पक्ष द्वारा पूर्व में एक दूसरे पर कोई भी कानूनी फैसला लिया गया हो तो उन सभी कानूनी विचारों विवादों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर आपसे राजीनामा दाखिल कर बात विवाद को पूर्ण रूप से समाप्त करेंगे। दोनों दंपत्ति एवं उनके परिजन बॉन्ड पेपर पर दोनों समाज के पंचों की उपस्थिति में आपसी सुलहनामा दांपत्य विवाद के निराकरण हेतु आपसी सहमति से पंचों का निर्धारण एवं पंचों को अधिकृत नामों के बीच हस्ताक्षर किया और दंपत्ति को समाज के लोगों ने पुनः हशी खुशी वैवाहिक जीवन जीने की हिदायत दी। पंचों में नरोत्तम जोशी, सरोज भारद्वाज, शंकर लाल शर्मा, विजय कुमार शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, गौरव डोकानियां सहित दर्जनों पंचों का हस्ताक्षर बान्ड पेपर पर मौजूद हैं।

 

9 वर्षों बाद समाज के प्रबुद्धजनों ने माला पहनाकर करवाया मेल मिलाप 

कहते हैं कि जोड़ियां आसमानों में बनती है लेकिन रिश्ते जमीन पर निभाए जाते हैं, जहां जीवन की वास्तविक सच्चाई को स्वीकार कर दो लोग एक दूसरे को चुनते हैं और जीवन में दूसरे का साथ देते हैं। बनमनखी में एक दंपत्ति के रिश्ते का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें अलगाव और तमाम उतार चढ़ाव के बाद दोबारा एक बेहद सुखद शुरुआत नजर आई, जिसे देख समाज के लोग हर्ष से भावुक हो उठे। समाज के प्रबुद्धजनों ने दोनों दंपत्तियों को एक दूसरे को माला पहनाकर किया मेल मिलाप। दोनों दंपत्तियों का तस्वीर एक अलग ही सुखद अहसास देने वाली है।

वर्ष 2013 में हुई थी पवन-सुमन की शादी

पवन कुमार शर्मा और सुमन कुमारी ने साल 2013 में शादी की थी। दो साल के अंदर हीं छोटी-छोटी बातों को लेकर दोनों के बीच बीच काफी मतभेद आ गया। जब हालात बहुत ज्यादा खराब हो गए तो न्यायालय में दोनों का विवाद चला गया। इसी बीच दोनों दंपत्तियों ने 21 सितंबर 2014 को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिनका नाम मोहित रखा गया। वैचारिक मतभेद के कारण सुमन कुमारी शर्मा अपने पुत्र मोहित को साथ लेकर अपने पिता मदनलाल शर्मा के घर बनमनखी 2015 में आ गया। तबसे सुमन और मोहित बनमनखी में रह रहे थे।

 

सुमन अपने पति को देखकर रोक नहीं पाई खुशी की आंसू 

जब 9 वर्षों बाद पति से नजरें मिली तो पत्नी सुमन के आंखों से खुशी के आंसू छलक गए। इसके बाद पवन ने अपने बेटे मोहित से वीडियो कालिंग पर नजरों से देखा तो आंसू निकल गया। बेटे मोहित ने अपने पिता को देखकर आंसु को रोक हीं नहीं पा रहे थे। बार-बार अपने पिता को वीडियो कालिंग पर देख रो रहे थे। देखते ही देखते लोगों की भीड़ उमड़ गई। पुनः पत्नी ने अपने बेटे के साथ मार्च में अपने पति का घर कटिहार जाएगी। सुमन-पवन अब फोन पर बात करना शुरू कर दिया है।

 

शादी के 9 वर्षों बाद दंपति के बीच हुए विवाद को खत्म कर एक होने के बाद लोगों ने भी इस पर खुशी व्यक्त किया है। बनमनखी के लोग के साथ-साथ आसपास के कई पंचायत के लोगों को जब इस बात की जानकारी मिली तो लोगों ने खुशी व्यक्त किया और बधाई व शुभकामनाएं भी दिया। लोगों ने कहा कि आजकल छोटी-छोटी बातों पर पति-पत्नी में विवाद उत्पन्न हो जाती है लेकिन इस तरह की विवाद नहीं होनी चाहिए। पति-पत्नी के बीच यदि किसी बात को लेकर हल्की-फुल्की बता पाती बात भी हो जाती है तो इस बात को बात से बतंगड़ नहीं बनना चाहिए फिर से पति-पत्नी को आपस में मिल जुल कर रहना चाहिए।

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