Santmat satsang Purnia: दृष्टीयोग से ईश्वर को जाने – महर्षि चतुरानन्द जी

Santmat satsang Purnia: दृष्टीयोग से ईश्वर को जाने – महर्षि चतुरानन्द जी

Santmat satsang Purnia

कुमारी आरती@पूर्णिया

पुर्णिया जिला संतमत सत्संग के 66 वें जिला वार्षिक अधिवेशन खुश्कीबाग कृषि फार्म मैदान में बने विशाल पंडाल और भव्य मंच पर विराजमान संतमत के वर्तमान प्रधान आचार्य महर्षि चतुरानन्द जी महाराज, अखिल भारतीय साधु समाज के अध्यक्ष स्वामी रामलाल ब्रह्मचारी जी महाराज, स्वामी लालानन्द जी महाराज, स्वामी दयानंद महाराज, स्वामी धैर्यानन्द महाराज, स्वामी शाही शरण जी महाराज, स्वामी भगवतानन्द महाराज, स्वामी लालचन्द्र बाबा , स्वामी विमलानन्द, स्वामी सदानंद महाराज,ने प्रतिपाद विषय ईश्वर का स्वरूप और उसकी प्राप्ति विषय पर प्रवचन दिए। पंडाल में मौजूद हजारों सत्संगियों को संबोधित करते हुए महर्षि चतुरानन्द जी महाराज ने कहा कि ईश्वर के तत्व रूप को जानने के लिए पहले बुद्धि योग,मानस योग और अग्नि की ज्योतियों का योग करना होगा। यह क्रिया मनुष्य अपने अन्दर में मानस जप,मानस ध्यान के द्वारा मन को स्थिर करने का साधन से कर सकता है। आचार्य ने कहा ईश्वर अजर,अमर, अविनाशी,सर्व व्यापक और व्यापकता से परे हैं। उन्हें अपने अंदर में ही पा सकते हैं। आत्मा ही परमात्मा है।

स्वामी रामलाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि दैहिक, दैविक और भौतिक दुख से छुटकारा पाने के लिए ईश्वर भक्ति करनी होगी। धैर्यानन्द महाराज ने कहा कि आवा गमन सम दुख न दुजा , इसके निवारण के लिए गुरू भक्ति करनी चाहिए। स्वामी दयानंद महाराज ने कहा कि मानव का शरीर बहुत मुश्किल से मिला है इसे व्यर्थ सांसारिक कार्यों में नहीं लगाकर ईश्वर भक्ति और जन्म मृत्यु के चक्कर से छुटकारा पाने के लिए ईश्वर भक्ति में लगाना चाहिए। स्वामी शाही शरण जी महाराज ने अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा मौक्ष क्या है? जन्म और मृत्यु के चक्र से छुटकारा पाना ही मौक्ष है। संसार में रहकर सांसारिक नहीं बने। जैसे नाव जल में रहती है लेकिन जल नाव में नहीं। यदि जल नाव में आ गया तो नाव डुब जाएगा। स्वामी विमलानन्द महाराज ने संत और असंत प्रतिपाद विषय पर प्रकाश डाले। संतों को सुनने और भक्ति के ज्ञान गंगा में डुबकी लगाने के लिए पूर्णिया के साथ साथ आस पास के जिले के हजारों सत्संगियों ने अधिवेशन में भाग लेकर संतों के प्रवचन को एकाग्रचित्त होकर श्रवण किया। स्वागत भाषण अभय मल्लिक ने दिया। अभिनन्दन पाठ अखिलेश मंडल ने पढ़ कर समर्पित किया। आयोजन समिति द्वारा संतों एवं सत्संगियों के आवास, भोजन इत्यादि की व्यापक व्यवस्था पाट व्यवसायी भवन में किया गया है। जिला संतमत समिति के मार्गदर्शन में सारी व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। वही मंच संचालन अखिलेश मंडल द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है।

सम्पूर्ण व्यवस्था में आयोजन समिति के राजेंद्र भगत, विरेन्द्र कुमार साह, पवन कुमार पोद्दार, संजय पोद्दार,अभय मल्लिक, मुकेश जयसवाल, अशोक जायसवाल, शंभू प्रसाद साह, भोला शर्मा, रविन्द्र साह,सोपाल साह, गिरधारी लाल आर्य, पंकज भगत, पिंकू जयसवाल, रंजीत चौधरी, झुन्नू जयसवाल, विकास कुमार, गोपाल प्रसाद सिंह, शैलेन्द्र चौरसिया, रघुनंदन साह,उत्तम सिंह सुधाकर सिंह, पार्षद राकेश राय, प्रदीप जयसवाल, लालबहादुर यादव सहित दर्जनों कार्यकर्ता मनोयोग पूर्वक सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। सत्संगियों के भीड़ से पंडाल छोटा पर रहा है। लोगों में महर्षि चतुरानन्द जी महाराज एवं अन्य वरिष्ठ श्रेष्ठ संत महात्माओं को सुनने के लिए जबरदस्त उत्साह और उमंग देखा जा रहा है।

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