Santmat satsang Purnia: आत्मा से परमात्मा को जोड़ने के कला को योग कहते हैं

Santmat satsang Purnia: आत्मा से परमात्मा को जोड़ने के कला को योग कहते हैं

Santmat satsang Purnia

कुमारी आरती@पूर्णिया

पूर्णिया जिला के 66 वें वार्षिक अधिवेशन के अंतिम दिन प्रवचन करते हुए संतमत के वर्तमान प्रधान आचार्य महर्षि चतुरानन्द जी महाराज ने कहा कि आत्मा से परमात्मा को जोड़ने के कला को योग कहते हैं। जीवन जीने के कला को ज्ञान कहते हैं। सांसारिक जीवन ज्ञान से जीया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा ज्ञान प्राप्त हो जाने से शांति मिलती है। ज्ञान सुख साधन का माध्यम है। यह शरीर क्षेत्र यानी खेत है। शरीर रुपी खेत में हमलोग पाप पुण्य का बीज बोते हैं। जैसा बीज बोते हैं वैसा फल मिलता है। जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु निश्चित है। आत्मा अजर-अमर अविनाशी है। आत्म ज्ञान हो जाने से परमात्मा का ज्ञान हो जाता है। सांसारिक ज्ञान और आत्मा का ज्ञान दोनों जरुरी है। आत्मा ही परमात्मा है। योग का अर्थ है जोड़ना। आत्मा से परमात्मा को जोड़ने के कला को योग कहते हैं। अध्यात्म में ध्यान का बहुत बड़ा महत्व है। ध्यान से स्वांस की गति धीमी हो जाती है। ध्यान की शुरुआत जाप और एक टक देखने से शुरू करना चाहिए। विंदु ध्यान और नाद ध्यान का संतमत में विषेष महत्व है। जीव जब परमात्मा से मिल जाता है तो सब दुख खत्म हो जाता है। स्थुल, शुक्ष्म ,कारण ,महाकारण, शरीर का भाग है।आसक्ति ही दुख का कारण है। शरीर से जीवात्मा निकल जाने से आसक्ति खत्म हो जाती है। आवा गमन के चक्कर से छुटकारा पाने के लिए प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। मंचासीन स्वामी रामलाल ब्रह्मचारी जी महाराज, स्वामी धैर्यानन्द जी महाराज, स्वामी लालानन्द जी महाराज, स्वामी दयानंद जी महाराज, स्वामी शाही शरण जी महाराज, भगवतानन्द महाराज, शिवानन्द बाबा,अशोक बाबा, विप्रानंद बाबा, निरंजन बाबा, युगलानन्द बाबा ने अपने ओजस्वी प्रवचन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सत्संग पंडाल में दो दिनों तक ज्ञान गंगा प्रवाहित होती रही जिसमें सत्संगियों ने गोता लगाया।

इस दो दिवसीय अधिवेशन में लगभग 25000 सत्संग प्रेमियों ने भाग लिया । पंडाल सत्संगियों से भरा था। श्री सदगुरू महाराज के जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा। आयोजन समिति ने सत्संगियों और संतों के लिए अच्छी आवास और भोजन की व्यवस्था की थी। सभी आगंतुकों ने व्यवस्था की भूरी भूरी प्रशंसा की। आयोजन को सफल बनाने में राजेन्द्र भगत, विरेन्द्र कुमार साह, विहिप जिला अध्यक्ष पवन कुमार पोद्दार, अमित कुमार साह, अमित झा, उमेश जयसवाल,अभय मल्लिक, संजय पोद्दार, झुन्नू जयसवाल, शैलेन्द्र मोदी, अशोक जायसवाल, शिवनन्दन शर्मा, भोला शर्मा, पंकज भगत, पिंकू जयसवाल, गोपाल प्रसाद सिंह, अखिलेश मंडल,नरेश मंडल, सिकन्दर चौरसिया,, उमेश चौधरी, रामप्रवेश पासवान, विक्रम चौधरी,रत्न शर्मा, रामबालक जयसवाल, परशुराम महतो, विभूति साह, भोला शर्मा, नरेश जयसवाल, गणेश साह, परशुराम महतो, सूर्य मोहन जयसवाल, पिंकू जयसवाल, पंकज भगत,प्रेम मोहन साह,रामदेव पासवान, भोला यादव, डाक्टर रामप्रसाद साह की सराहनीय भूमिका रही। 66 वां जिला वार्षिक अधिवेशन अपने आप में अभूतपूर्व और एतिहासिक रहा।

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