युवा को क्रिकेट खेलने की ऐसी ललक की बांसवाड़ी में जाकर खेलते हैं क्रिकेट
पूर्णिया: इस ठंड भरी मौसम में भी युवाओं को क्रिकेट खेलने की ऐसी ललक है कि युवा को ठंड महसूस ही नहीं हो रहा और युवा क्रिकेट खेलने के लिए बगल में मैदान नहीं होने के कारण आसपास के बांसवाड़ी में जाकर युवा लोग क्रिकेट खेलते हैं और यह क्रिकेट खेलने का काम युवाओं के द्वारा एक दिन का नहीं है। बल्कि यह युवा लोग रोज बांसवाड़ी में क्रिकेट खेलते हैं। क्रिकेट खेलने वाले युवाओं का कहना है कि मेरे आस-पास में मैदान नहीं है जिसमें कि हम लोग जाकर क्रिकेट खेल सके। यदि मैदान रहता तो हम लोग वहां जाकर क्रिकेट खेलने और अच्छे खिलाड़ी भी बन सकते थे। लेकिन संयोग है कि मेरे बगल में क्रिकेट खेलने के लिए मैदान नहीं है जिसके कारण आसपास के गांव के युवा यहां पर हम लोगों के साथ आकर इस बांसवाड़ी में क्रिकेट खेलते हैं।
Cricket khelna sabhi Ko hai pasand
बांसवाड़ी में क्रिकेट खेलने वाले युवा बच्चे नहीं है बल्कि इसमें कई युवा ऐसे जो की 20 वर्ष भी पार कर चुके हैं और उसमें भी क्रिकेट खेलने का ललक है और वह युवा क्रिकेट बांसवाड़ी में जाकर खेलते हैं। इसमें कई युवा ऐसे जो अपना काम भी करते हैं गांव में जाकर कोचिंग पढ़कर वापस आने के बाद समय निकाल कर क्रिकेट जरूर खेलने जाते हैं। क्योंकि इस युवा का मानना है जब तक वह क्रिकेट नहीं खेलेगा तब तक उसको मन ही नहीं लगाएगा। यदि वह कोचिंग पढ़ाने के लिए जाएगा तो वहां भी उसे मन नहीं लगता है। उसका कहना है कि रोज हम क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं। मेरे आस-पास में यदि फील्ड रहता तो और बेहतर होता है यहां का युवा अच्छा खिलाड़ी बन पाता यहां के युवा को क्रिकेट बहुत पसंद है। यहां के युवाओं का एक और बात कहना है की आसपास में एक क्रिकेट खेलने के लिए मैदान होना आवश्यक है। जिससे कि आसपास के कई गांव के लोग आकर यहां क्रिकेट खेल सके और खेल के प्रति अन्य युवाओं को भी जागरूक कर सके।
Cricket khelne ke naam se Jana jata hai es bansbari ko
वही बांसवाड़ी में क्रिकेट खेलने वाले में जाने-माने क्रिकेट खिलाड़ी आशीष कुमार यादव,बीटका कुमार शर्मा, मनीष ठाकुर,शिवम ठाकुर,डीलर कुमार,सतीश कुमार, श्रवण यादव, चंदन कुमार यादव, नीतीश कुमार यादव सहित अन्य कई युवा ने कहा कि हम लोग रोजाना इस यहां आकर क्रिकेट खेलते हैं। क्रिकेट खेल रहे आशीष कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग इस बांसवाड़ी में रोजाना आकर क्रिकेट खेलते है। संजोग ही ऐसा दिन हुआ होगा जबकि हम लोग कभी कबार यहां आकर क्रिकेट नहीं खेलें होंगे। नहीं तो लगभग सभी दिन हम लोग यहां आकर क्रिकेट खेलते हैं। हम लोग को यहां पर थोड़ा बहुत परेशानी में होती है जब हम लोग क्रिकेट खेलते हैं तो कभी गेंद बास का बिट्टा में चला जाता है तो कभी बास के झांरी में गेंद फस जाता है तो हम लोगों को गेंद बास में से निकलने में काफी परेशानी होती है। साथ ही यदि हम लोगों के द्वारा क्रिकेट खेलने के दौरान यदि लंबा छक्का चला गया तो बांसवाड़ी से बाहर लोगों का फसल है फसल में भी गेंद चला जाता है और हम लोगों को काफी मेहनत से गेंद खोजना पड़ता है। हम लोगों को क्रिकेट खेलने मैं काफी मन लगता है इसलिए हम लोग यहां आकर रोजाना क्रिकेट खेलते हैं। कभी कबार क्रिकेट नहीं खेल पाते हैं नहीं तो रोजाना हम लोग यहां क्रिकेट खेलते हैं और थोड़ा बहुत हम लोग को यही परेशानी होता है की गेंद कभी बास में तो कभी फसल में चला जाता है और हम लोगों को खोजना पड़ता है। वही आशीष कुमार यादव ने यह भी बताया कि यह क्रिकेट का आयोजन बिहार की पूर्णिया जिला अंतर्गत नगर पंचायत जानकीनगर के सहवाणी गांव से पश्चिम और रामपुर तिलक पंचायत के पूरब साइड होकर गुजरने वाली नहर से पूर्व साइड में एक बांसबाड़ी है उसी में हम लोग रोजाना क्रिकेट खेलते हैं।चाहे तो कोई भी व्यक्ति आकर यहां पर क्रिकेट खेल सकता है।